विवाहित महिला को देखकर कामुक हुए, गंवानी पड़ी सत्ता
इन्द्र देवताओं के राजा हैं। ऋग्वेद में इन्हें सभी देवताओं से शक्तिशाली और प्रभावशाली बताया गया है। इनका निवास स्थान स्वर्ग है जहां एक से एक सुंदर अप्सराएं हैं जो इन्द्र का मनोरंजन करती हैं। इसके बावजूद भी देवराज इन्द्र पृथ्वी की एक कन्या को देखकर मोहित हो गए।
इनका मन उस कन्या को पाने के लिए तड़प उठा और काम भावना से पीड़ित इन्द्र उनसे संबंध बनाने के लिए आतुर हो गए। लेकिन समस्या यह थी की, कन्या गौतम ऋषि की पत्नी थी। इन्द्र ताक में रहने लगे कि कब ऋषि गौतम कुटिया में न हों और वह ऋषि पत्नी अहिल्या से संपर्क बना सकें।
एक रात इन्द्र मध्यरात्रि में मुर्गे की आवज में बांग देने लगे। ऋषि गौतम को लगा कि ब्रह्म मुहूर्त हो गया है और वह कमंडल लेकर स्नान करने नदी की ओर चल पड़े। इन्द्र ने माया से ऋषि गौतम का वेष बनाया और पहुंच गए अहिल्या के पास।
गौतम बने इन्द्र ने अहिल्या से प्रेम निवेदन करना शुरु किया। देवी अहिल्या इन्द्र के असली रुप को पहचान नहीं सकीं। पति समझकर इन्द्र के प्रेम निवेदन इन्होंने स्वीकार कर लिया। इन्द्र की कामुक इच्छा पूरी हो गई तब वह कुटिया से निकलकर जाने लगा।
उसी समय गौतम ऋषि पहुंच गए। इन्होंने इन्द्र को अपनी कुटिया से निकलते देखकर जान लिया कि इन्द्र ने इनकी पत्नी के साथ पाप कर्म किया है। क्रोधित होकर ऋषि गौतम ने इन्द्र को शाप दे दिया कि तुम्हें अपना राज पाट गंवाना पड़ेगा।
कुछ ही समय बाद असुरों ने देवलोक पर आक्रमण किया और इन्द्र को स्वर्ग से भागना पड़ा।
एक रात इन्द्र मध्यरात्रि में मुर्गे की आवज में बांग देने लगे। ऋषि गौतम को लगा कि ब्रह्म मुहूर्त हो गया है और वह कमंडल लेकर स्नान करने नदी की ओर चल पड़े। इन्द्र ने माया से ऋषि गौतम का वेष बनाया और पहुंच गए अहिल्या के पास।
गौतम बने इन्द्र ने अहिल्या से प्रेम निवेदन करना शुरु किया। देवी अहिल्या इन्द्र के असली रुप को पहचान नहीं सकीं। पति समझकर इन्द्र के प्रेम निवेदन इन्होंने स्वीकार कर लिया। इन्द्र की कामुक इच्छा पूरी हो गई तब वह कुटिया से निकलकर जाने लगा।
उसी समय गौतम ऋषि पहुंच गए। इन्होंने इन्द्र को अपनी कुटिया से निकलते देखकर जान लिया कि इन्द्र ने इनकी पत्नी के साथ पाप कर्म किया है। क्रोधित होकर ऋषि गौतम ने इन्द्र को शाप दे दिया कि तुम्हें अपना राज पाट गंवाना पड़ेगा।
कुछ ही समय बाद असुरों ने देवलोक पर आक्रमण किया और इन्द्र को स्वर्ग से भागना पड़ा।
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nice